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लेखक:

मन्नू भंडारी

भानपुरा, मध्य प्रदेश में 3 अप्रैल, 1931 को जन्मी मन्नू भंडारी को लेखन-संस्कार पिता श्री सुखसम्पतराय से विरासत में मिले। स्नातकोत्तर के उपरान्त लेखन के साथ-साथ वर्षों दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस में हिन्दी का अध्यापन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचन्द सृजनपीठ की अध्यक्ष भी रहीं।

‘आपका बंटी’ और ‘महाभोज’ आपकी चर्चित औपन्यासिक कृतियाँ हैं। अन्य उपन्यास हैं ‘एक इंच मुस्कान’ (राजेन्द्र यादव के साथ) तथा ‘स्वामी’। ये सभी उपन्यास ‘सम्पूर्ण उपन्यास’ शीर्षक से एक जिल्द में भी उपलब्ध हैं।

कहानी-संग्रह : एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है  तथा सभी कहानियों का समग्र ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’; एक कहानी यह भी आपकी आत्मकथ्यात्मक पुस्तक है जिसे आपने अपनी ‘लेखकीय आत्मकथा’ कहा है। महाभोज, बिना दीवारों के घर, उजली नगरी चतुर राजा नाट्य-कृतियाँ तथा बच्चों के लिए पुस्तकों में प्रमुख हैं—आसमाता (उपन्यास), आँखों देखा झूठ, कलवा (कहानी) आदि।

10 प्रतिनिधि कहानियाँ (मन्नू भंडारी)

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 150

मन्नू भंडारी की सर्वश्रेष्ठ दस प्रतिनिधि कहानियों का वर्णन...   आगे...

Bunty

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 250

English translation of ‘Bunty’ originally written in Hindi by Mannu Bhandari   आगे...

अकेली

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 299

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आपका बंटी

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 295

आपका बंटी मन्नू भंडारी का एक बहुत ही रोचक उपन्यास है...

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उजली नगरी चतुर राजा

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 195

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एक कहानी यह भी

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 250

यह आत्मसंस्मरण मन्नूजी की जीवन-स्थितियों के साथ-साथ उनके दौर की कई साहित्यिक-सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर भी रोशनी डालता है...   आगे...

एक प्लेट सैलाब

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 125

प्रस्तुत है श्रेष्ठ कहानी संग्रह   आगे...

एक प्लेट सैलाब

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 125

साहस और बेबाकबयानी के कारण मन्नू भंडारी ने हिन्दी कथा-जगत् में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। नैतिक-अनैतिक से परे यथार्थ को निर्द्वन्द्व निगाहों से देखना उनके कथ्य और उनकी कहन को हमेशा नया और आधुनिक बनाता है   आगे...

कथा-पटकथा

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 250

कथा-पटकथा   आगे...

तीन निगाहों की एक तस्वीर

मन्नू भंडारी

मूल्य: Rs. 125

इस संग्रह की सभी कहानियाँ जीवन के विभिन्न सन्दर्भो को खास रचनात्मक आलोचना-दृष्टि से देखते हुए पाठक को सोचने और अपने वातावरण के एक नई, ताजा निगाह से देखने को प्रेरित करती हैं।   आगे...

 

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